नज़रों की बयानगी का अंदाज़ है अलग
इन्हें पेश करने के अल्फा़ज़ हैं अलग
अजब सी ये भाषा हर कोई जानता
इसे कहने सुनने का,अहसास है अलग
हो गम या खुशी, का रास्ता
नम आँखों के होने का,अंदाज़ है अलग
नाराज़गी भी और प्यार का सबब
काले घेरों के घूमने की,अदा है अलग
हों वफ़ाओं की बातें या तकरार की
इन नज़रों ने रचा है,इतिहास ही अलग
ख़्वाहिशें,चाहतें या कि तमन्ना कोई
इन्हें पूरा करती, हर नज़र है अलग
जो ज़ुबाँ भी,न कर पाती है कभी
नज़र की बयानगी,वो ख़ास है अलग…
अंदाज़ है अलग
Filed under कविता
यूँ तो कवियों और लेखको की होती ही है बात कुछ और
पर उन सब में और उन सब से आपका अंदाज़े बयां अलग
बहुत सुन्दर रचना
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naya andaz………..very good.
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likhne kaa ho yaa kahne kaa ho
is andaaz ne maaraa kaiyo ko
magar andaaz waalon ne
apnaa andaaz nahee chhodaa
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Very nice composition!
Exclusive creativity.. Rich content
Unable to deny comments:)
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wow ! beautiful thoughts … great read …
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अलग ही अदा है कविता की!
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आँखे कितना कुछ कह जाती हैं।
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Very sweet and jara HATKE
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I agree with Seema, it’s very unique and sweeet…:) Eyes speak million languages…
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Bahut alag aur achha andaaz hai aapka….
aankhon ki bhasha har koi nahi samajh paata…
nazron ke samundar mein doob nahi pata…
shayad ye andaaz main bhi na samajh pata…
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I liked this one my friend… and I agree with you … as they say, eyes are window to the soul. Beautifully created this verse… thanks for sharing…
Shashi
ॐ नमः शिवाय
Om Namah Shivaya
http://shadowdancingwithmind.blogspot.com/2011/11/whispers-tears-in-rain.html
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अल्फाज़ों को क़रीने से पेश करने का आपका अंदाज़ है यक़ीनन अलग….लाजवाब…..
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Hi girl. now i saw you post. i know Hindi little bit. you poem is nice.
http://tamilwritersaravanan.blogspot.com/
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बहोत खूब , मजा आ गया | धन्यवाद |
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nice poetry …. mostly unique and asserting for the truth which eye can speak of .
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इन नज़रों ने रचा है,इतिहास ही अलगnice
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i like this 🙂
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m literally impressed ma’am…
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जो जुबां से बयां नहीं होता वो आँखों से छलक जाता है
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waah kya andaaz hai.. 🙂
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loved it!!!!1
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वाकई अंदाज़ है अलग !
बहुत प्यारा लगा यह अंदाज़ …
इंदु जी
आप हमेशा कुछ विशिष्ट , कुछ अलग करती रहें … यही शुभकामना है …
बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
– राजेन्द्र स्वर्णकार
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nice
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very nice
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