पापा कभी गले नहीं लगाते कभी प्यार नहीं जताते
कभी पसंद नहीं पूछते फिर भी
पसंद की हर चीज़
बिन कहे ही ला देते हैं
जाने कैसे।
बात करना उन्हें पसंद नहीं चुप ही रहते हैं अक्सर
मन की सारी बातें फिर भी
जान जाते हैं मन से
बिन कहे सब कह जाते हैं
जाने कैसे।
पापा कुछ सख्त सी दूरियाँ रखते हैं हमारे साथ
पर किसी और की सख्ती
मंज़ूर नहीं उन्हें
अपने इस प्रेम को सख्ती से छुपाते हैं
जाने कैसे।
फर्क नहीं उन्हें हम दूर हों या पास या कि किसके साथ
जबकि फर्क है उन्हें हम कहाँ हैं
और हैं किसके साथ
कहते नहीं जताते भी नहीं छुपाते हैं जज़्बात
जाने कैसे।
पापा कभी रोते नहीं कभी रोए भी नहीं मेरी विदाई में भी नहीं
खूब रोए थे विदा होते ही
ज़ोर – ज़ोंर से सब कहते हैं
आँसुओं के असीम सागर को सदा ही छुपाते हैं
जाने कैसे।
उठ कर चल देते हैं जब भी बात होती है कोई भावुक सी
कहते हैं
फ़ालतू बातें करती हो तुम सभी
अपनी भावनाओं को कभी बहने नहीं देते
जाने कैसे।
पापा का जीवन हूँ मै और मेरा सब कुछ वो
न कभी खुद कहते हैं
न कभी कहने देते हैं
जब भी कहना चाहूँ बात बदल दते हैं
जाने कैसे।
पर आज
कहती हूँ न रोक सकेंगे आप
मेरी आवाज़
मेरे जज़्बात
मेरे पापा आप हो सबसे ख़ास – मेरे पापा आप हो सबसे ख़ास !!!
पापा आप हो सबसे ख़ास !!!
Filed under कविता
सही है …
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bahut sahi kaha indu ji ..
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पापा जैसा दुनिया मे प्यारा कोई चीज नही है पापा को भूख लगता है तो अपनी माँ को फोन करके पूछ लेते है की बच्चे खाया की नहीं …………………………….पापा खबरी लाल है ..
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beautiful….no words for the emotions that ur expressions carry along
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वाह इंदु जी दिल भर आया ….. पापा का भी भर आएगा बाप और बेटी का ये रिश्ता …कुछ कहन सकूंगा …मन भर आया है बहुत जोर से ……………….. फिर कभी
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Kaya bat kaya bat kaya bat…
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इंदु बहुत प्यारी भावुक करती सी रचना … शब्द-ब-शब्द मानो मेरे और मेरे जैसी न जाने और कितनी बेटियों के दिल की बात कही है आपने ….
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एक पिता को सुकून के लिए
संतान का ऐसा अहसास ही काफी है
….भाग्यशाली पिता की आशाओं पर खरी उतरती संतान..दोनों को नमन
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lajawab…….no words sahiba………jio……..:) 🙂
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Emoticons in words!
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Indu Jee Bahut hi sunder tarike se ek pita ki bhawnao ki abhivayakti ki hai aapne.Meri taraf se bahut bahut aashirwad.May God bless you.
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आपकी अहसासों की सच्चाई साफ़ शब्दों में उतर आई! बहुत बेहतर बयां किया है, पिता को क्या खूब अदा किया है, सुन्दर बहुत ही सुन्दर!
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PITA KI SABSE ANMOL DHAROHAR BETI KYUN HOTI HAI..AAPKE SHABDON SE SPASHT HAI
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अत्यंत ह्रदय स्पर्शी कविता है यह
अक्सर सोचता हूँ ” माँ ” के लिए तो बहुत साहित्य है
परन्तु ” पिता ” के लिए कुछ नहीं .
ऐसा संभवतः इसलिए की ” कवि ” तो बहुत हैं माँ के लिए
लेकिन कवियत्री नहीं है जो इस मर्म को समझ सकें
आपने इस कमी को पूरा किया है .
ह्रदय से नमन व् धन्यवाद
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Awesome…..true representation of feelings…
God bless u……
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पापा पर इतनी मर्मस्पशी कविता के लिए साधुवाद
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पापा को समर्पित यह कविता, उनके प्रति आपके प्यार और लगाव की सफल अभिव्यक्ति है ! ईश्वर आपके पापा को लम्बी आयु दे ….
और हाँ वे खुशकिस्मत हैं, उन्हें ऎसी बिटिया मिली …
मैंने भी अपने पापा की याद में कुछ लिखा था ..
अक्सर पेन पेन्सिल लेकर
माँ कैसी थी ?चित्र बनाते,
पापा इतना याद न आते
पर जब आते, खूब रुलाते !
उनके गले में, बाहें डाले , खूब झूलते , मेरे गीत !
पिता की उंगली पकडे पकडे,चलाना सीखे मेरे गीत
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bahut sunder likh hai
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bahut sunder …badhaai
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सच ..ऐसे ही होते हैं पापा.. बहुत प्यारी रचना
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papa ji aap jab aate hai …to ghar ka aannd du guna ho jata hai
kyoki aap jab bhi aate hai kuchh na kuchh jarur hath mai le aate hai
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पहली बार हमारी किसी रचना को हमारे ब्लॉग पर एक ही दिन इतने ‘लाइक्स’ मिले हैं। बेहद खुश हूँ, खास कर ये जानकर कि सभी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं अपनों के लिए फिर कौन कहता है की सब बदल गया अब स्नेह नहीं पलता दिलों में !
सादर
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खुश हूँ, खास कर ये जानकर कि सभी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं अपनों के लिए फिर कौन कहता है की सब बदल गया अब स्नेह नहीं पलता दिलों में !
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Bhot badiya…
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आपकी कविता ख़ास है, इसीलिये उसे इतने लाइक मिले हैं यानी बहुत मित्रों ने पसंद किया है । कविता पढ़कर अधिकतर पिताऑं को लग रहा होगा कि यह उसी के ऊपर एवं उसी के लिए लिखी गयी है । अच्छी कविता के लिए बधाई ।
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Marvelous! One of your best Indu…
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Felt every word of your beautiful creation indeed ! I’m your well -wisher.
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SUPERB!!!!!
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superb…
each single line expresses such deep emotions..
brilliant work here !!
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bahut hi umda
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इंदु …..पापा कहते ही होंठ बंद हो जाते हैं …पलकों की तरह ….सकून मिलता है …जैसे नींद में बच्चा सोया हो !!
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nyc
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भावुक कर देने वाली रचना है आपकी इंदु !!! सुन्दर !
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यह प्यार शब्दों में व्यक्त करना कठिन है..बहुत सुन्दर और कोमल ठंग से उकेरा है आपने।
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kyo ki papa aut beti ke beech kaa ristaa sabse alg hota hai, aur jis tarah is pyar ko subdo mai vyakt nahi kiya jaa sakta.. usi tarah ish pyaar ke ehsaas ko darsaaya nahi jaa sakta.. Bahut hi pyara laga aapka pita ke prati beti kaa ehsaas…
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कविता पढ़ कर भावुक हो गया. अतिसुंदर भावनात्मक प्रस्तुति.
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Very beautiful. That’s the emotions of most of the father. I am also a father of two daughter’s but my relationship with them is bit different. I talk to them my heart, they know each and every thing what i feel about them. They are my best friends. My daughter’s are in class 9th and 5th respectively but we know each other in and out.
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बहुत सुंदर ..एहसास में डूबी इससे बड़ी ना कोई चाहत ..
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कम ही लिखा जाता है पापा के ऊपर … आपके जज्बात दिल को छू गए …
बहुत ही भावपूर्ण रचना है …
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ji han pitaji aisehi hote hai maa per toh har koi kavita karta hai per papa per
bahot kam liha jata hai papa apne bacho ki har khushi puri karte hai agar
fees bharni ho toh ve paise ka intajam kahase aur kaise karte hai unhehi pata per apene bacho ki puri khushi ka khayal rakhate hai aise papa ko pranam.
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Touched!
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dil ko jhakjore deney bali rachna hai ,likhney waley ko namskar
Anand Yadav
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वाह-वाह ! बहोत अच्छे |
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komal se ahsaas
sabke papa aise hi hote hain 🙂
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papa ke ehsas ko bahut achhi tarah byan ki ho,ye ehsas sab larki ko hoto papa ki umar lambi ho jayegi,dil se ashirbad deta hu.khush raho
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awesome
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ऐसे ही होते हैं पिता जैसे नारियल -ऊपर सुरक्षा खोल भीतर मधुर और तरल !
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adbhut anubhootiyan jise parh kar main bhauk ho utha…..ek beti ki wo bhavnayen jisme beti ne kitani gahanta se avlokan kiya hai papa ka ki aam taur par samay kathor se dikhane wale papa ka asali marm kya hai bhalaa apni beti ke prati kitane samvedan sheel hote hain ek papa
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सचमुच पापा बहुत खास होते हैं ,,, पापा जैसा प्यार किसी क नहीं इस दुनिया में ……. बहुत सुन्दर रचना इंदु .. अपनी सी भावनाएं लगी …..
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बाउत अची लग
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सच मुच पापा की ही तरह सायादार रचना, बधाई एवं शुभकामनायें स्वीकार करें महोदया !
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Indu Ji,
When I read your Poems, I have been your fan since that time. Really, you write in very simple, heart touching, senceful manner. Great Skill…..
Poem on Papa is very true for each person . I liked it too much.
Manoj Kr. Sharma
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आपनें वो सब कह दिया जो मैं बहुत दिनों से र्सिफ खुद से कह पा रहा था और सब से कहना चाह रहा था … मेरे मन के प्यार को आपने पन्नों पर उतार कर मेरे मन को हल्का किया, आज इसे पढ़कर ऐसी खुशी का एहसास हो रहा है जैसे मेरे मन का कुछ हो गया हो …
इंदु जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद और बधाई कि आपनें हमारे और हम सब के भगवान, हम सब के “पापा” के लिए इतनी अच्छी कविता लिखी…
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jitni baar padhi, utni baar rona aaya. bahot hi satya aur marm bhara hai inn sabdo me aur is anmol se rishto me.
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आप सभी का ह्रदयाभार ,पापा सदा होते हैं ख़ास।
सादर
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Fal khane ki jyada jarurat unhe thi par koi mujhe seb khilaye ja raha tha. Vo he mere papa
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i have tried to translate your wonderful poem in telugu language.
i have mentioned your name and details and original poem in hindi also
your poem is really heart touching induravisinghj ji .
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Papa ke liye sayeri
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मैंने इसी वर्ष अपने पापा को खोया है… आपने बिल्कुल सही कहा है ‘‘पापा आप हो सबसे खास!!!’’ बहुत ही सुन्दर रचना…
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Beautiful, heart touching kavita. Sach me papa aise hi hote h. Bahut bar ya adhiktar hm apni bhavnayein jahir hi nhi kr pate hai. Shayd apki kavita betiyon ko apne pita ki bhavnayein samajhne or share krne ki raah jarur dikhayegi. Jb hm chhote the to kbhi share nhi kr paye, samajhte sb the. Pr aaj betiyan is layak to ho hi gyi h k apne pita ki bhavnayein or unki problems bhi share kr skti h.
Indu ji bht hi sundar kavita likhi h apne. aaAansub to papa rhe nhi pr kavita sun kr lga papa aise hi the. Aansu to roke nhi ruk rhe the.
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Its not a KAVITA its reality of every PAPA loved it….I miss you Papa ‘‘पापा आप हो सबसे खास !’’
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Bahut emotional poem hai
Mere papa nahi hai per ye poem padh kar mujhe bahut achchha laga or man bhar aaya thank you.
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इस कविता को पढ़ते पढ़ते मेरी आंखों में आंसू आ गए और मैं रोता गया और इस कविता को पढ़ता गया इससे अच्छी कविता मैंने आज तक नहीं पढ़ी
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Its really true …….I love u papa !!!
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