संशय


संशय से बड़ी बर्बादी कोई नहीं करता जहाँ तक हो सके इससे दूरी भली ।
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संशय ही बचाता भी है कई बार बर्बाद होने से
इसलिए यह ज़रूरी भी।
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संशय समाधान नहीं देता लेकिन
मोड़ देता है नज़रिए को विपरीत दिशा में।
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यह सकारात्मक सुख भी देता है तो गहरी चोट भी
इसे अनुपात में रखना अति आवश्यक।
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संशय ने ही बचाए हैं बड़े-बड़े अपराध और यही वजह भी बना कई बेगुनाहों के दर्द की।
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संशय होना चाहिए या नहीं, यह कौन तय कर सकेगा।
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जीने के लिए चाहिए जितनी ऑक्सीजन
उतनी ही ज़रूरत है संशय की
क्योंकि खेल सारा संतुलन का है !
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