सिर्फ़ एक नाम और कुछ शब्द
पढ़ते ही उनको हो जाता है प्यार
न कभी हैं मिले,न नज़र भर देखा
शब्दों में ही उनके इक रूप है बँधा
खींच लेता है यूँ बरबस ही अपनी ओर
चाहो न चाहो,हो जाता है प्यार
ज़हन में बसा,लफ़्जों से उतरा
दिया भावों को किसी जामे का नाम
पढ़ते ही उसे हो जाता है प्यार
प्यार के लिये यहाँ ज़रूरी हैं शब्द
शब्दों में लिपटे हैं भावों के मोती
चमकती सी माला ने छेड़े जो तार
रूबरू होते ही,हो जाता है प्यार
यहाँ शब्द हैं प्रेमी और भाव है प्रेमिका
दोनों का मिलन है नदी की धार
कल-कल की आवाज़ है वीणा की तान
देख सौम्यता इनकी हो जाता है प्यार
सिर्फ़ एक नाम और कुछ शब्द
पढ़ते ही उनको हो जाता है प्यार…
हो जाता है प्यार
Filed under कविता
शब्दों का सम्मोहन।
पसंद करेंपसंद करें
chaaho naa chaaho ,bebas ho jaataa hain insaan…..
bahut dinon baad aapkaa likhaa padhaa achhaa hai
पसंद करेंपसंद करें
कवीता अच्छी लगी
पर आधी अधुरी सी लगी
पसंद करेंपसंद करें
chaho na chaho ho jatha hai pyar wah wah kithna sundhar
पसंद करेंपसंद करें
bhaav acche hain …… kahin kahin layatmaktata khandit si ho rahi hai ….ek sarahniya kavitaa ke liye badhai ……
Utpal
पसंद करेंपसंद करें
a prolific poem after a long time..keep posting
पसंद करेंपसंद करें
Nice and very sweet
पसंद करेंपसंद करें
awww very nice… प्यार के लिये यहाँ ज़रूरी हैं शब्द
शब्दों में लिपटे हैं भावों के मोती…. ek dum sahi 🙂 🙂
पसंद करेंपसंद करें
प्यार एक सुन्दर अनुभूति है ,
जीने के लिए जरूरी है ,
शब्दोमे बांधना इसे इक कोशिश है,
जानना है तो करना जरूरी है |
इस ढाई अक्षरोंकी अथांग भावना को शब्दोमे अर्थ देनेका आपका प्रयास सराहनीय है |
धन्यवाद |
पसंद करेंपसंद करें
ये कविता हमने ब्लॉगर की दुनिया के लिये लिखी है,जहाँ शब्द ही बोलते हैं और बनते हैं हमारी पहचान…
रचना पसंद आई आभार…
पसंद करेंपसंद करें
Bahut sundar, beautiful thought!
पसंद करेंपसंद करें
Beautiful flow of words 🙂
पसंद करेंपसंद करें
great efforts
पसंद करेंपसंद करें